श्री कृष्ण जन्माष्टमी
यह भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव
है. यह त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में मनाया जाता है. हमारे
श्री कृष्ण इतने नटखट है कि सम्पूर्ण विश्व उन्हें पसंद करता है और उन्हें नटखट
गोपाल कहकर बुलाता है. एक बार जो इनकी बाल लीलाओं को जान लेता है वो इनका दीवाना
हो जाता है.
उनकी बालरूप तस्वीर हर घर,दफ्तर,दुकान इत्यादि
में लगी मिल जाती है जिसमे उन्हें माखन खाते हुए दिखाया जाता है जिसे माखनचोर कहा जाता
है. पौराणिक कथाओ के अनुसार, वह माखन चोरी किया करते थे और पकडे जाने पर मासूम बन
जाते थे और कहते थे-
ओ मैया मोरी मै नहीं माखन खायो
श्री धाम वृन्दावन में स्थित मंदिरों के दर्शन मात्र से ही समस्त दुःख दूर हो
जाते हैं.
हर वर्ष
जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग व्रत रखते हैं,
मंदिरों के कपाट 12 बजे रात्रि खुलते हैं. भगवान का अभिषेक किया जाता है रात भर
भजन कीर्तन भी होता है. पूरा जगत आनंद में डूब जाता है.
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