Monday, November 12, 2018

PAKSH VIPAKSH :KHOL KE DEKH LO: KYA MANVADHIKAR HI APRADHIYO KA HATHIYAR HAI:12:11:18


मानवाधिकार ही अपराधियों का हथियार है.


पक्ष में तर्क,

        1] मानवाधिकार को अपराधियों का हथियार कहना एकदम सही है क्योंकि अपराधियों को पता होता है कि उन्हें अपराध करने के बाद अमानवीय सजा नही मिलेगी. ज्यादा से ज्यादा वे आजीवन कारावास भोगेंगे जो कि पूर्णतः मानवीय है.
       2] कुछ अपवादों को छोड़कर ज्यादातर अपराधियों को बड़ी सजा के रूप में उम्रकैद दे दी जाती है. इसी कारण अपराधी बदले की भावना से संगीन अपराध कर बैठते हैं और सजा के मामले में मानवाधिकार का एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं.
विपक्ष में तर्क,
           1] नहीं ऐसा नहीं है क्योंकि अगर अपराधी मानवाधिकार को अपना हथियार मानते तो कसाब,अफ्जल्गुरु और याकूब मेमन जैसे अपराधियों को फांसी यानी सजा ए मौत दे पाना मुश्किल हो जाता. मानवाधिकार अपराधियों की सजा को कम नही कर सकता.
       2]   जब अपराधियों का कृत्य ही अमानवीय होता है तो उनके लिए मानवीय सजा की कल्पना कैसे की जा सकती है. अपराधी अपराध में संलग्न होकर अपना यह अधिकार स्वयं ही ख़त्म कर देते हैं. सजा पर न्यायालय का विवेक कार्य करता है न कि मानवाधिकारों की दुहाई.
                      विजय महाजन [प्रेमी]
     आपके सुझाव भी आमंत्रित हैं.



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