Sunday, November 11, 2018

why we proud to be an INdian ?

पंजाब केसरी के रविवारीय अंक में प्रकाशित यह समाचार हमारे भारतीय समाज का सर गर्व से उठा देती है.






→हमारे समाज में कोई भी धार्मिक कार्य जब सार्वजनिक रूप से संपन्न कराने की बात होती है तब उन समितियों के सदस्यों द्वारा बड़े बड़े सेठो और नेताओं से चंदा लिया जाता है . इन सदस्यों पर कार्यक्रम का जिम्मा होता है कुल मिलकर चंदा इकठ्ठा करने की परंपरा सी चली आ रही है. जैसे हाल ही में केरल में आई बाढ़ रुपी तबाही से उभरने के लिए, बाढ़पीड़ितों की सहायता के लिए online चंदा इकठ्ठा किया जाना.
इससे भिन्न एक अनूठा उदाहरण पूर्वी घाट में रहने वाले आदिवासियों के एक गांव में देखने को मिलता है. एक तरफ तो हमारे देश में लड़कियों की शादी में माँ बाप अपने कठोर परिश्रम से जमा की गयी पूँजी लगा देते हैं. जहाँ तक कुछ लोग ससुरालियों की मांगे पूरी करने के चक्कर में कर्ज में डूब जाते हैं. वहां इस गाँव में रहने वाले हर माँ बाप को अपनी बेटी की शादी की फिक्र ही नहीं करनी पड़ती है अगर आप जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यों ?
तो आप पंजाब केसरी का पूरा आर्टिकल पढ़ लें.
                                                             विजय महाजन प्रेमी
         यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है या नहीं ?
   हमें comment करके जरूर बताएं.
     KHOL KE DEKH LO

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