SAMASYA वही
सोच नयी
हमारे देश में मानसून जून से अगस्त तक रहता है .
और भारत में किसी जगह तो जमकर बारिश होती है और किसी जगह सूखे जैसी हालत होती है .महाराष्ट्र के लातूर के बारे में तो आप सभी को पता ही होगा . वहां कुछ साल पहले पानी की भारी किल्लत हो गयी थी . वहां के लोग बूँद बूँद पानी को तरस रहे थे . सरकार ने वहां ट्रेन द्वारा पानी पहुँचाया था . सच में जहाँ जिस चीज की कमी होती है वहां के लोग ही उस वस्तु का असली मूल्य जान पाते हैं .
ये तो बात हुई उस जगह की जहाँ सूखा पड़ता है .
अब बात करते हैं उन जगहों की जहाँ पानी बरसना भी एक समस्या है . http://kholkedekhlo.blogspot.com/एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान भी हमारे हाथों में है और जिस समस्या को पैदा करने वाले लोग भी हम है . मै खुद इस समस्या से जूझ रहा हूँ .मेरे खुद के घर में बहुत बार पानी भरा है .और मैंने ख़ुशी मनाते देखा है उन लोगों को जिनके घर बरसात का गन्दा पानी नही घुसता . लेकिन आज जो जलभराव होता है उसमे उनका भी योगदान है .http://kholkedekhlo.blogspot.com/
इसका कारण है कचरा - कचरे ने आज तबाही मचा दी है ये वही कचरा है जो हम राह चलते चिप्स का पैकेट खाकर रास्ते में ही फेंक देते हैं . चिप्स तो एक उदाहरण मात्र है न जाने कौन कौन सी रोजमर्रा की जरूरत की चीजो के रैपर हम यू ही सड़कों पर फेंक देते हैं . और बारिश आने पर यही कचरा नालियों में जाता है और नालियों को ब्लाक कर देता है और पानी का निकास बंद हो जाता है और यही से शुरू होता है ये पानी भराव का खेल जिसमे डूबते है लोगों के घर .http://kholkedekhlo.blogspot.com/
जो भी दोस्त इस पोस्ट को पढ़ रहा हो वो आज से ही नही अभी से संकल्प ले कि कचरा सड़कों पर नही डालोगे और न डालने दोगे...
जिस तरह हमारे दरवाजे पर कोई कचरा डाल जाये तो हम उससे लड़ने को उतारू हो जाते हैं ठीक वैसा ही जोश हमारे अन्दर उस समय होना चाहिए जब कोई हमारे शहर गली या मोहल्ले को गन्दा कर रहा हो .
तो हम जोर से बोल सकें ''''ये क्या कर रहे हो '''''यहाँ कचरा न डालो ''''कूड़ेदान नही दिख रहा क्या ''''बाप का राज है क्या'''''
जानता हूँ आप सोच रहे होंगे कि ये सब बातें किसी को बोल कर दुश्मनी मोल क्यों ले कोई बात नही भाई....
कडवा बोलने की कोई जरूरत नही आप उसे प्यार से भी समझा सकते हैं क्योकि
होठो पे सच्चाई रहती है जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है .
हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा रहती है .....
अब इस पोस्ट को share करने में कंजूसी मत दिखाना ...
और जो कूड़ा सड़क पर डाले उसे कूड़ादान दिखाना ................
सफाया mission
http://kholkedekhlo.blogspot.com/ इस ब्लॉग को भी खोल कर देख लेना काम का है .....
याद रखना share share share share
presented by- KHOL KE DEKH LO
http://kholkedekhlo.blogspot.com/
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हमारे देश में मानसून जून से अगस्त तक रहता है .
और भारत में किसी जगह तो जमकर बारिश होती है और किसी जगह सूखे जैसी हालत होती है .महाराष्ट्र के लातूर के बारे में तो आप सभी को पता ही होगा . वहां कुछ साल पहले पानी की भारी किल्लत हो गयी थी . वहां के लोग बूँद बूँद पानी को तरस रहे थे . सरकार ने वहां ट्रेन द्वारा पानी पहुँचाया था . सच में जहाँ जिस चीज की कमी होती है वहां के लोग ही उस वस्तु का असली मूल्य जान पाते हैं .
ये तो बात हुई उस जगह की जहाँ सूखा पड़ता है .
अब बात करते हैं उन जगहों की जहाँ पानी बरसना भी एक समस्या है . http://kholkedekhlo.blogspot.com/एक ऐसी समस्या है जिसका समाधान भी हमारे हाथों में है और जिस समस्या को पैदा करने वाले लोग भी हम है . मै खुद इस समस्या से जूझ रहा हूँ .मेरे खुद के घर में बहुत बार पानी भरा है .और मैंने ख़ुशी मनाते देखा है उन लोगों को जिनके घर बरसात का गन्दा पानी नही घुसता . लेकिन आज जो जलभराव होता है उसमे उनका भी योगदान है .http://kholkedekhlo.blogspot.com/
इसका कारण है कचरा - कचरे ने आज तबाही मचा दी है ये वही कचरा है जो हम राह चलते चिप्स का पैकेट खाकर रास्ते में ही फेंक देते हैं . चिप्स तो एक उदाहरण मात्र है न जाने कौन कौन सी रोजमर्रा की जरूरत की चीजो के रैपर हम यू ही सड़कों पर फेंक देते हैं . और बारिश आने पर यही कचरा नालियों में जाता है और नालियों को ब्लाक कर देता है और पानी का निकास बंद हो जाता है और यही से शुरू होता है ये पानी भराव का खेल जिसमे डूबते है लोगों के घर .http://kholkedekhlo.blogspot.com/
जो भी दोस्त इस पोस्ट को पढ़ रहा हो वो आज से ही नही अभी से संकल्प ले कि कचरा सड़कों पर नही डालोगे और न डालने दोगे...
जिस तरह हमारे दरवाजे पर कोई कचरा डाल जाये तो हम उससे लड़ने को उतारू हो जाते हैं ठीक वैसा ही जोश हमारे अन्दर उस समय होना चाहिए जब कोई हमारे शहर गली या मोहल्ले को गन्दा कर रहा हो .
तो हम जोर से बोल सकें ''''ये क्या कर रहे हो '''''यहाँ कचरा न डालो ''''कूड़ेदान नही दिख रहा क्या ''''बाप का राज है क्या'''''
जानता हूँ आप सोच रहे होंगे कि ये सब बातें किसी को बोल कर दुश्मनी मोल क्यों ले कोई बात नही भाई....
कडवा बोलने की कोई जरूरत नही आप उसे प्यार से भी समझा सकते हैं क्योकि
होठो पे सच्चाई रहती है जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है .
हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा रहती है .....
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और जो कूड़ा सड़क पर डाले उसे कूड़ादान दिखाना ................
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