अच्छे दिन के लिए अच्छा सोचना जरूरी है..
विजय महाजन "प्रेमी"
हर दिन में 24 घंटे होते हैं यह तो हम सभी अच्छी तरह जानते हैं. लेकिन हम इन 24 घंटे में क्या सोचते हैं कैसा सोचते हैं यह हमारे पूरे दिन को निर्धारित करता है.
किसी भी दिन की शुरुआत करने के लिए एक अच्छी सोच बेहतर जरूरी होती है. यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम सकारात्मक सोचे या नकारात्मक.
सकारात्मक सोच हमें बल प्रदान करती है और वही नकारात्मक सोच हमें अक्षम बनाती है. ईश्वर ने हम सभी लोगों को भरपूर शक्ति दी है हम अपना कोई भी सपना पूर्ण कर सकते हैं.
आज जो हम हैं वह शायद हमने कल सोचा होगा और जो हम कल होंगे वह हम आज सोचेंगे. अगर हमें जीवन की कांटों भरी राह में चलना है तो सकारात्मक सोच का अनुपात बढ़ाना होगा नकारात्मक सोच का अनुपात घटाना होगा..
हम यह नहीं कहते कि नकारात्मक होना अच्छा नहीं है लेकिन हम बेहतर तरीके से जानते हैं की दवाई उतनी ही मात्रा में अच्छी होती है जितनी मात्रा में वह असर करें ऐसे ही नकारात्मक सोच उतनी ही आवश्यक है जितनी हमें उसकी आवश्यकता है.... नकारात्मक सोच हमारे अंदर एक डर पैदा करती है अपने भविष्य के प्रति लेकिन यह डर ज्यादा मात्रा में नहीं होना चाहिए..... सकारात्मकता हमें हमेशा ही ऊर्जा देती रहती है... जब भी हम सुबह उठें तो हमें सबसे पहले एक अच्छी सोच को अपनाना चाहिए ..
आप जिस भी कमरे में सोते हैं उसमें आप बेहतर महापुरुषों के कोट्स या सुविचार लगा सकते हैं जो आपको सकारात्मक सोच प्रदान करते हैं.
सच ही है अच्छे दिन के लिए अच्छा सोचना भी जरूरी है।
हमारा यह संदेश पसंद आए तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को अग्रेषित करें।।।।
विजय महाजन "प्रेमी"
हर दिन में 24 घंटे होते हैं यह तो हम सभी अच्छी तरह जानते हैं. लेकिन हम इन 24 घंटे में क्या सोचते हैं कैसा सोचते हैं यह हमारे पूरे दिन को निर्धारित करता है.
किसी भी दिन की शुरुआत करने के लिए एक अच्छी सोच बेहतर जरूरी होती है. यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम सकारात्मक सोचे या नकारात्मक.
सकारात्मक सोच हमें बल प्रदान करती है और वही नकारात्मक सोच हमें अक्षम बनाती है. ईश्वर ने हम सभी लोगों को भरपूर शक्ति दी है हम अपना कोई भी सपना पूर्ण कर सकते हैं.
आज जो हम हैं वह शायद हमने कल सोचा होगा और जो हम कल होंगे वह हम आज सोचेंगे. अगर हमें जीवन की कांटों भरी राह में चलना है तो सकारात्मक सोच का अनुपात बढ़ाना होगा नकारात्मक सोच का अनुपात घटाना होगा..
हम यह नहीं कहते कि नकारात्मक होना अच्छा नहीं है लेकिन हम बेहतर तरीके से जानते हैं की दवाई उतनी ही मात्रा में अच्छी होती है जितनी मात्रा में वह असर करें ऐसे ही नकारात्मक सोच उतनी ही आवश्यक है जितनी हमें उसकी आवश्यकता है.... नकारात्मक सोच हमारे अंदर एक डर पैदा करती है अपने भविष्य के प्रति लेकिन यह डर ज्यादा मात्रा में नहीं होना चाहिए..... सकारात्मकता हमें हमेशा ही ऊर्जा देती रहती है... जब भी हम सुबह उठें तो हमें सबसे पहले एक अच्छी सोच को अपनाना चाहिए ..
आप जिस भी कमरे में सोते हैं उसमें आप बेहतर महापुरुषों के कोट्स या सुविचार लगा सकते हैं जो आपको सकारात्मक सोच प्रदान करते हैं.
सच ही है अच्छे दिन के लिए अच्छा सोचना भी जरूरी है।
हमारा यह संदेश पसंद आए तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को अग्रेषित करें।।।।
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